Wednesday, August 10, 2011

2 ग़ज़ल आज मै उन तमाम दोस्तों को समर्पित

ये 2 ग़ज़ल आज मै उन तमाम दोस्तों को समर्पित कर रहा हूँ जो दोस्ती के पवित्र रिश्ते में विश्वास रखते हैं...

[1] "ऐ दोस्त तेरी दोस्ती का रिश्ता बहुत गहरा है.....!!"

..."महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती
इश्क से ज़िन्दगी ख़तम नहीं होती..
अगर साथ हो ज़िन्दगी में अच्छे दोस्त का
तो ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं होती...!!

सितारों के बीच से चुराया है आपको
दिल से अपना दोस्त बनाया है आपको
इस दिल का ख्याल रखना...
क्योंकि इस दिल के कोने में बसाया है आपको..!!

अपनी ज़िन्दगी में मुझे शरीक समझना
कोई गम आये तो करीब समझना ..
दे देंगे मुस्कराहट आंसुओं के बदले
मगर हजारों दोस्तो में अज़ीज़ समझना .. !!

हर दुआ काबुल नहीं होती
हर आरजू पूरी नहीं होती...
जिन्हें आप जैसे दोस्त का साथ मिले
उनके लिए धड़कने भी जरुरी नहीं होती..!!

कोशिश कीजिए हमें याद करने की
लम्हे तो अपने आप ही मिल जायेंगे...
तमन्ना कीजिए हमें मिलने की
दोस्त , बहाने तो अपने आप ही मिल जायेंगे..!!"

[2] "प्यार का है नाम दोस्ती...!!"

"हर पल फुहार प्रेम का झरता है जो दिल पर
यारों उसी फुहार का है नाम दोस्ती...

जो दूर कितने ही हों पर, दिल में पनपती है
बंधन अटूट प्यार का है नाम दोस्ती...

ये द्वेष रहित प्रेम भरे सैकड़ों पुष्पों
की एक बनी हार का है नाम दोस्ती..

जिस मिलन की रुत में सभी लोगों के दिल मिलें
उस मौसमी बहार का है नाम दोस्ती..

कहता "आनंद" कुछ नहीं संसार में ऐ दोस्त
बस तेरे मेरे प्यार का है नाम दोस्ती..

है दोस्ती इंसान का भगवान् से मिलन
उस सांवले सरकार का है नाम दोस्ती..!!"

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