Monday, September 3, 2012

बात तो हो

जिंदगीके किसी मोडपर मुलाकात तो हो
बात मुख्तसरहि सही मगर बात तो हो.

जीते है कैसे साथ साथ लोग उम्र सारी
मेरे तो जुदाईके सिलसिले है जारी
छाँव मे एक पलहि सही मगर साथ तो हो
बात मुख्तसरहि सही मगर बात तो हो.

माना कि बहुत आपको मुझसे सही गिला
यहभी सही है मुझको कोई और ना मिला
प्यार न हो दिलमे सही जजबात तो हो
बात मुख्तसरहि सही मगर बात तो हो.

अजब थी चाह मुझे चाँद सितारोंकी
पाने उन्हे जरूरत अंधेरोंके कतारोंकी
रंगीनसी छॉटी हि सही रात तो हो
बात मुख्तसरहि सही मगर बात तो हो.

उम्मीद डूबतेको तिनकोंके सहारेकी
गलती तो नही रखना उंम्मीद बहारोंकी
कातिलाना सुर्ख सही मगर हाथ तो हो
बात मुख्तसरहि सही मगर बात तो हो.

निशिकांत देशपांडे मो.नं. ९८९०७ ९९०२३
E Mail-- nishides1944@yahoo.com

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